Sai Ram Shayariya

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कभी भूखो को खाना खिलाया नहीं….
और मुज्पे सोंना लुटाने शिर्डी आ गये………

क्या सोचा साईं फखिर आपके सोंने से खुश होगा……….

जैसे सितारों के साथ “आकाश” है,
रिश्तो के साथ “विश्वास” है,
पलकों को बंद करके देख लो
मेरे “साईं” हर वक़्त आपके साथ है…
बात है ये एक चेहरे की,
एक चेहरा ऐसा जिसे मैं जानता हूँ।
एक चेहरा ऐसा जो, बहुत सुंदर है।
एक चेहरा ऐसा जो, रात में भी उजाला देता है।
एक चेहरा ऐसा जो, जो मेरी प्रेरणा है।
ज़िंदगी की राहों में जो मुझे रास्ता देता है।
एक चेहरा ऐसा जो, मुझे जानता है,
मेरे न बोलने पर मेरे भाव पहचानता है।
एक चेहरा ऐसा जो, मुझे रोशनी देता है।
मेरी ज़िंदगी की राहों में, उजाला भर देता है।
एक चेहरा ऐसा जो, जो मेरे दुःख बांटता है।
मेरी ज़िंदगी के सुख-दुःख को खूब पहनाता है।
एक चेहरा है ऐसा, जिससे मुझे प्यार है।
दुनिया से अलग मेरा और उसका संसार है।
एक चेहरा ऐसा, जो मेरी पहचान है,
मैं खुश नसीब हूँ क्योंकि चेहरे पे मुझे मान है।

क्योंकि ये चेहरा और किसी का नहीं
मेरे साई नाथ का है…

ऐ साईं बस जाओ तुम मुझमे इस कदर
की ना कुछ पाने की चाह रहे
ना कुछ खोने का डर ||

 

बोलो साई नाथ महाराज की जय

 

दे दो अपनी नौकरी मेरे साईं जी इक बार..
बस इतनी तनख्वाह दे देना मेरा सुखी रहे परिवार..
तुम तो जगत के दाता हो साईं मेरी क्या औकात..
तेरी सेवा मिल जाये यह किस्मत की है बात..!!
जीवन में फिर आपके, ख़ुशी न होगी अस्त |
साईं सेवा प्रण लीजिये, सभी रहोगे मस्त |

अनंत कोटी ब्रम्हांडनायक राजाधीराज योगीराज परब्रम्ह सच्चिदानंद श्री साईनाथ महाराज कि जय..
सुबह शाम शिर्डी वाले मैं फेरूँ तेरी माला
तुझमें मन्दिर तुझमें मस्जिद तुझमें ही गुरुद्वारा
तू है सारे जग का मालिक तू सारे जग का रखवाला
तेरी भक्ति में ओ सांई बाबा मैं सारी दुनिया भूला…
हमारे हैं साँई बाबा हमें किस बात की चिन्ता
चरण में रख दिया सर माथ हमें किस बात की चिन्ता
किया करते हो तुम दिन रात क्यों बिन बात की चिन्ता
उन्हीं के हाथ में जब हाथ हमें किस बात की चिन्ता……
मैं सेवक हूँ आपका, साईं गुरु महान |
गलती मेरी हो कोई,क्षमा करो भगवान ||
बाबाजी हर बात से, सबको देवें ज्ञान |
अहंकार को छोड़ कर, करें भक्त गुणगान ||
बाबा की कृपा हम सब पर बनी रहे |

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