शिरडी साईं बाबा मुख्य जगह

द्वारका माई :

द्वारकामाई वो मस्जिद थी जहा साईं बाबा ने सबसे ज्यादा रात्रि बिताई साईं बाबा ने इस मस्जिद का नाम द्वार्कामाही रखा . द्वारकामाई समाधी मंदिर के दाई तरह है . साईं बाबा हमेशा यहा रात्रि में दीपक जलाते थे और धुनी जलाकर उड़ी प्राप्त किया करते थे .
आज भी द्वारकामाई में वो बड़ा सा पत्थर रखा हुआ है जहा साईं बाबा बेठा करते थे .
आज भी इस मस्जिद में साईं बाबा की बड़ी फोटो लगी हुई है .
यहा पर साईं बाबा की आटा पिसने की चक्की और बाबा जिस बर्तन से भिक्षा मांगते थे रखी हुई है .

गुरुस्थान

साईं बाबा जब १६ साल की उम्र में जब शिर्डी आये थे तब वो एक नीम के पेड़ के निचे विश्राम किया , यह  स्थान गुरु स्थान कहलाया , साईं बाबा की कृपा से यह कड़वा नीम भी मीठा हो गया
गुरुस्थान का फिर से निर्माण ३० सितम्बर १९४१ को किया गया और साईं बाबा की एक मूरत भी लगाई गयी एहा शिवलिंग और नंदी भी है और भगवन शिव के १२ ज्योतिर्लिंग की फोटो भी लगाई गयी है

लेंडी बाग़

लेंडी बाग़ गुरुस्थान के समीप ही है . लेंडी बाग़ में बाबा ज्यादातर समय व्यतीत करते थे और फूलो में पानी और पेड़ पोधे उगाया करते थे .

खंडोबा मंदिर :

खंडोबा मंदिर अहमदनगर कोपेर्गावं पर है . यह मंदिर भगवन शिव को समर्प्रित है . यह मंदिर शिर्डी में सबसे प्राचीन है |

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